हरिद्वार समाचार– विष्णु धाम के परमाध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और महापुरुषों ने सदैव ही राष्ट्र कल्याण में अपनी अहम भूमिका निभाई है। भूपतवाला स्थित श्रीराम निकेतन आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी धर्म स्नेही परमहंस महाराज की सातवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव व्यावहारिक रूप से उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन स्वामी धर्म स्नेही महाराज एक महान विभूति थे। जिन्होंने गरीबदासी परंपराओं का निर्वहन करते हुए संपूर्ण विश्व में धर्म का प्रचार प्रसार कर समरसता का संदेश दिया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज सदैव नमन करता है। महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज ने कार्यक्रम को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी धर्म स्नेही परमहंस महाराज संत समाज का गौरव थे। जिन्होंने सदैव गरीब असहाय लोगों की सहायता कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज व महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि धर्म के प्रचार प्रसार में संतों की सदैव महत्वपूर्ण भूमिका रही है और भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर संत सदैव ही समाज का मार्गदर्शन करते हैं। ब्रह्मलीन स्वामी धर्म स्नेही परमहंस महाराज सादगी एवं निर्मलता की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने संतो को एकजुट कर समाज को नई दिशा प्रदान की। श्री राम निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संतों का जीवन मानव सेवा के लिए ही समर्पित रहता है और संत सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। पूज्य गुरुदेव स्वामी धर्म स्नेही परमहंस महाराज एक विद्वान महापुरुष थे। जिन्होंने गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प प्रारंभ कर समाज सेवा का संदेश प्रदान किया। उनके द्वारा चलाए गए सेवा प्रकल्पों में निरंतर बढ़ोतरी कर संत समाज की सेवा की जा रही है और राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान देना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का महंत शिवानंद एवं स्वामी दिनेश दास महाराज ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी आनन्द गिरी, महंत निर्मल दास, महंत दिनेश दास, महंत रामजी, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी रवि हितेश्वरानंद सरस्वती, महंत राम कुमार दास, संत जगजीत सिंह, महंत सूरज दास, महामंडलेश्वर स्वामी सुरेशानंद, महंत जमुना दास, स्वामी केशवानंद, महंत सुमित दास सहित सभी संत महापुरुषों ने ब्रह्मलीन स्वामी धर्मस्नेही महाराज को महान संत बताया।