हरिद्वार समाचार– निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े पहुंचकर पंचमुखी हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और वैष्णव संतो के साथ बैठक की। बैठक के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने गाजियाबाद में करीबन एक हजार से ज्यादा हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण कराने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ कट्टर मुसलमान, मुस्लिम धर्मगुरु और मौलवी इस देश का इस्लामीकरण करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि देश में धर्मांतरण के खिलाफ पहले से कानून मौजूद है और जो लोग भी इसमें लिप्त पाए गए हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देश का इस्लामीकरण करने वालों के मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे। उन्होंने धर्मांतरण के लिए हो रही विदेशी फंडिंग की भी जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन्हें मृत्युदंड की सजा देने की भी मांग की है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि इस विषय में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता करेंगे और ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ रासुका लगाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज समय समय पर धर्म से जुड़े मुद्दों पर आगे आकर समाज को जागरूक करते हैं। समस्त संत समाज उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा है कि देश में रहने वाले मुस्लिम धर्म गुरुओं को भी ऐसे लोगों को धर्म परिवर्तन कराने से रोकना चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रलोभन देकर या फिर जबरन किसी का धर्म परिवर्तन कराना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ अलग से कानून बनाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि जबरन धर्मांतरण मामले को लेकर संत समाज जल्द ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से मिलकर कठोर कानून बनाने की मांग करेगा। मुस्लिम धर्म गुरुओं को भी इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और उन्हें भी इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी हिंदू धर्म गुरूओं को आगे आकर समाज को जागरूक करना चाहिए। ताकि इस प्रकार के कृत्यों पर लगाम लगायी जा सके। हिंदुओं का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान महंत रामजी दास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, संत सेवक दास, महंत गोविन्द दास, महंत रामदास, महंत हितेश दास, स्वामी अनुरागी महाराज, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, समाजसेवी ओंकार जैन, गौरव गोयल आदि उपस्थित रहे।