हरिद्वार, 24 अक्तूबर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। अगले वर्ष जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा। महाकुंभ को लेकर अखाड़ों के स्तर पर होने वाली सभी तैयारियां को समय पर पूरा कर लिया जाएगा। सभी तेरह अखाड़ों को सरकार से अधिक से अधिक सुविधा दिलायी जाएगी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के गंगा तट पर होने वाले विशाल संत समागम के माध्यम से पूरी दुनिया सनातन धर्म संस्कृति की अनूठी परंपरांओं की साक्षी बनेगी। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 20 दिसम्बर को अखाड़े के रमता पंचों की जमात हरिद्वार से प्रयागराज के लिए रवाना होगी। 30 दिसम्बर को संत-महापुरुषों के सानिध्य में धर्म ध्वजा स्थापित की जायेगी। 4 जनवरी 2025 को शोभायात्रा के रूप में नगर भम्रण के पश्चात जमात का छावनी प्रवेश होगा। प्रयागराज महाकंुभ मेले का पहना शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति को होगा। 29 जनवरी मौनी अमावस्या को दूसरा शाही स्नान और 3 फरवरी बसंत पंचमी को तीसरा शाही स्नान संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत हैं। उनके कुशल नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ अलोकिक रूप से सकुशल संपन्न होगा। सभी अखाड़ों को सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। किसी को भी असुविधा नहीं होने दी जाएगी।