हरिद्वार, 24 सितम्बर। पतंजलि विश्वविद्यालय में अभिभावक बैठक संपन्न हुई। दो दिवसीय बैठक में दूसरे दिन विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी की पावन उपस्थिति रही तथा कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी महाराज ने ऑनलाइन भाग लिया।
इस अवसर पर कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी महाराज ने ऑनलाइन जुड़कर अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पतंजलि परिसर पूर्ण सुरक्षित है, यहां हम विद्यार्थियों को सभी दोषों से बचाते हैं। उनके अंदर किसी भी प्रकार के गलत विचार, गलत आदतें, अशुद्ध आचरण और अशुद्ध व्यवहार न पैदा हो उसके लिए सदैव हम शुभ का आधान करते हैं और सदैव सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। हमने कठोरता से, दृढ़ता से अपने परिसर में अभक्ष्य पदार्थों को प्रतिबंधित कर रखा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हम सभी सनातनधर्मी बनें, समस्त संसार को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें और मानवता को निरोगी बनाएं।
उन्होंने बताया कि पतंजलि विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यहाँ उनके लिए अनेक प्रकार की छात्रवृति प्रदान की जाती है। शास्त्र स्मरण के द्वारा 5 लाख से लेकर 11 लाख तक का पुरस्कार वितरित किए जाते हैं। स्वामी जी ने कहा कि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत प्रतिवर्ष अभिभावक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में आचार्य जी ने कहा कि संसार में संभवत सबसे कठिन कार्य मानव बनना और बनाना है। उन्होंने कहा कि सबसे पहली शिक्षिका मां होती हैं उसके पश्चात पिता और फिर गुरु का सबसे प्रमुख स्थान होता है। अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों के लिए देखे जाने वाले स्वप्न को पतंजलि विश्वविद्यालय साकार करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा कोई न्यूनता ना आए यही हमारा परम लक्ष्य है। विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण, संन्यासी भाई, साध्वी बहनें और प्राध्यापकगण बच्चों के अहर्निश कल्याण के लिए सदैव तत्पर हैं। हम विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, साथ ही इन विद्यार्थियों को इतना सक्षम बनाते हैं कि ये समाज में रोजगार का सृजन कर सकें।
कार्यक्रम में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ. तोरण सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए.के. सिंह, छात्रावास अधीक्षिका देवप्रतिष्ठा, छात्रावास अधीक्षक डॉ. ललित चौधरी, डॉ. शिल्पा धानिया, डॉ. सुमनलता आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन पूज्य स्वामी आर्ष देव जी ने किया।