हरिद्वार, 16 अप्रैल। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि मां भगवती की कृपा जिस भक्त पर हो जाती है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित नवरात्र उत्सव के दौरान अष्टमी पूजन में शामिल हुए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रों में मां भगवती के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। आठवें नवरात्र पर देवी मां गौरी की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि नवरात्र मां भगवती की कृपा प्राप्त करने का सबसे उपयुक्त अवसर है। सभी को नौ दिनों तक व्रत रखकर देवी के सभी नौ स्वरूपों की पूजा आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति में नारी को शक्ति स्वरूपा तथा पूज्यनीय बताया है। शास्त्रों में कहा गया है कि जहां नारी की पूजा होती है। वहां स्वयं देवता वास करते हैं। इसलिए सभी को नवरात्रों में देवी भगवती के सभी स्वरूपों की पूजा आराधना करने के साथ महिलाओं और कन्याओं का सम्मान करना चाहिए और उनके संरक्षण संवर्द्धन के लिए तत्पर रहना चाहिए।