हरिद्वार समाचार– उत्तराखण्ड पत्रकार संघ द्वारा आयोजित फूलो की होली में संतों, पत्रकारों व राजनेताओं ने एक दूसरे के साथ जमकर फूलों की होली खेली। शंकर आश्रम के समीप होटल क्लासिक रेजीडेंसी में आयोजित फूलों की होली समारोह की अध्यक्षता करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि उत्साह व उमंग के साथ मनाए जाने वाले रंगों का पर्व होली भाईचारे का संदेश देता है। प्र्रेम के प्रतीक होली पर्व पर पुराने गिले शिकवे तक दूर हो जाते हैं। होली का धार्मिक महत्व भी है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश भी देती है। होली का पौराणिक महत्व बताते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह भगवान विष्णु के विरोधी थे। जबकि उनके पुत्र प्रह्लाद विष्णु के भक्त थे। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को विष्णु की भक्ति करने से मना किया। प्रह्लाद नहीं माने तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में जलने का वरदान प्राप्त था। भाई की सहायता करने के लिए होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गयी। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गये और होलिका जलकर भस्म हो गयी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पत्रकार संघ की ओर से प्रतिवर्ष पारिवारिक व सांस्कृति रूप से आयोजित की जाने वाली फूलो की होली सद्भावना का संदेश समाज को देती है। पत्रकार समाज अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भारतीय पर्वो से दर्शाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उत्तराखण्ड पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश वालिया इसके लिए बधाई के पात्र हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर्वो का गुलदस्ता है। होली खुशीयों व उमंगों का त्यौहार है, जो समाज को एकता व भाईचारे का संदेश देती है। होली के दिन सभी लोग वैर भाव भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते हैं। जिससे एकता व भाईचारा मजबूत होता है। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि रंगों तथा खुशीयों का त्यौहार होली प्रत्येक व्यक्ति को उमंगों से भर देता है। राग रंग का यह पर्व वसंत का संदेश वाहक भी है। होली के बाद प्रकृति नया रंग रूप धारण करती है। जिससे जीवन को गति मिलती है। सभी को प्रेम व सौहार्द के साथ होली मनानी चाहिए। अटल पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती ने सभी को होली शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्मनगरी में होली पर्व का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। होली के पर्व की तरह इसकी परंपराएं भी अत्यन्त प्राचीन हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक होली पर्व को धार्मिक परंपरांओं के साथ ही मनाया जाना चाहिए। म.म.स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि पत्रकार समाज अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम करते हैं। सामाजिक गतिविधियों से भी लोगों को जागरूक करने का काम प्रशसंनीय है। श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज एवं म.म.स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि परंपरांओं एवं संस्कृति को दर्शाने वाले होली पर्व के महत्व को युवा पीढ़ी को जानने की आवश्यकता है। पर्व सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं। पर्व को सादगी के साथ मनाना चाहिए। व्यस्तता के चलते कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पाए कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने भी फोन के जरिए सभी को होली की शुभकामनाएं दी। उत्तराखण्ड पत्रकार संघ के पत्रकार सामाजिक दायित्व को निभा रहे हैं। उत्तराखण्ड पत्रकार संघ के अध्यक्ष राकेश वालिया ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संतों के सानिध्य में ही सनातन धर्म की परंपरांए मजबूत होती हैं। सौहार्द व एकता के पर्व होली को उल्लास पूर्वक मनाना चाहिए। उत्तराखण्ड पत्रकार संघ सामाजिक सरोकारों में हमेशा ही आगे बढ़कर योगदान करता चला आ रहा है। निर्भीक होकर पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान दें। महामंत्री सारिका प्रधान व प्रदेश सचिव विक्की सैनी ने सभी को होली की शुभकामनांए देते हुए अतिथीयों का आभार व्यक्त किया और कहा कि उमंगों उल्लास व रंगों के पर्व होली को एकता व सद्भाव के साथ मनाना चाहिए। होली पर्व पर प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग करें। कार्यक्रम का संचालन कवि रमेश रमन ने किया। इस अवसर पर म.म.चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज, महंत निर्मलदास, स्वामी रविदेव शास्त्री, साध्वी माता चंद्रकांता, जिला पंचायत सदस्य राव आफाक अली, कांग्रेस नेता आनन्द रावत, भाजपा नेत्री अन्नु कक्कड़,पूर्व मेयर मनोज गर्ग, संजय चोपड़ा, डा.विशाल गर्ग, मोहन राजा, मुमताज आलम, अमरीश कुमार, राजेश कुमार, नीरज छाछर, राकेश वर्मा, निशांत चैधरी, नरेंद्र प्रधान, हिमांशु वालिया, अमित वालिया, सनोज कश्यप, मनोज कश्यप, सोनू, संजय वर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।