दिनांक 24 जून,2023
हरिद्वार: श्री सुशील कुमार आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में शनिवार को मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0) में कांवड़ मेला-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में अन्तर्राज्यीय अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार श्री अजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कांवड़ मेले का इतिहास, उसका बदलता स्वरूप- जिसमें पहले अधिकतर श्रद्धालु पैदल ही मां गंगा का पवित्र जल लेने पहुंचते थे, लेकिन इधर के वर्षों में यह देखने में आ रहा है कि 70 प्रतिशत उसका स्थान डाक कावड़ियों ने ले लिया है। उन्होंने कांवड़ मेले के दौरान, उसके पूर्व तथा बाद के स्नान पर्वों का उल्लेख करते हुये बताया कि प्रमुख रूप से कांवड़ मेला आगामी 04 से 15 जुलाई,2023 तक है। दिनांक 03 जुलाई को पूर्णिमा है, 06 से 10 जुलाई तक पंचक रहेंगे, 12 से 15 तक प्रमुख रूप से डाक कावड़िये चलेंगे तथा 17 जुलाई को सोमवती अमास्या है। इसी को मद्देनजर रखते कांवड़ मेले की तैयारियां की जा रही है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक कांवड़िये हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली व राजस्थान क्षेत्र से आते हैं।
बैठक में कांवड़ यात्रा के दौरान पूर्व में हुई घटनाओं का भी जिक्र हुआ, जिसमें बताया गया कि कुछ डाक कावंड़िये बिना साइलेंसर लगे हुये वाहनों का प्रयोग करते हैं, जिसकी वजह से विगत वर्ष दुपहिया वाहन में आग लगने की घटना हुई थी, जिसके मद्देनजर इस वर्ष पार्किंग स्थलों में अग्नि सुरक्षा के उपकरणों की भी व्यवस्था की जायेगी। इस पर आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे वाहनों को हतोत्साहित किया जाये तथा गांवांे में जो कांवड़ कमेटियां गठित की गयी हैं, उनके तथा अन्य माध्यमों से ऐसे लोगों का जागरूक किया जाये। इसके अलावा क्राउड मैंनेजमेंट, लव जिहाद, लैण्ड जिहाद, कांवड़ रूट पर पड़ने वाले ढाबे, दुकान आदि पर बिकने वाली सामग्री, उनके रेट निर्धारित करना आदि पर भी चर्चा हुई। इस पर गढ़वाल मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि प्रत्येक ढाबे, दुकान आदि की नियमित चेकिंग की जाये तथा प्रत्येक दुकान, ढाबे में रेट लिस्ट अवश्य लगवाई जाये।
पार्किंग का जिक्र करते हुये बैठक में बताया गया कि 13 पार्किंग स्थल निर्धारित किये गये हैं, जिनकी क्षमता लगभग 47 हजार वाहनों को पार्क करने की है। इसके अलावा पार्किंग की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके इसके लिये क्यू आर कोड की व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत 10 लाख पम्पलेट तैयार किये गये, जिन्हें पर्यटन आदि विभागों के माध्यम से सभी जगह वितरित किया जायेगा। क्यू आर कोड को जैसे ही स्कैन किया जायेगा रियल टाइम में सारी पार्किंग की जानकारी उपलब्ध हो जायेगी।
बैठक में कम्युनिकेशन प्लान, कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सिस्टम, रूट प्लान, बार्डर के क्षेत्रों में डायवर्जन, चीला मार्ग का प्रयोग आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
श्री सुशील कुमार ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जहां पर भी डायवर्जन करें, उसकी सूचना निर्धारित ह्वाट्स ऐप नम्बर पर देना सुनिश्चित करें तथा कोई भी कांवड़ 12 फीट से ऊंची न बने, जहां-जहां डायवर्जन है, वहां बड़े-बड़े बोर्ड लगाये जायें ताकि कांवड़ यात्रियों को इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि एक बार संयुक्त निरीक्षण अवश्य कर लें तथा कांवड़ मेले के दौरान ऐसी चीजों का इस्तेमाल न हो, जो दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी विशेष ध्यान दिया जाये कि कोई भी दिक्कत पैदा करने वाली सूचना प्रसारित न हो।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने कहा कि सहारनपुर व मुजफ्फरनगर से कांवड़ियों का सबसे ज्यादा दबाव रहता है। इस पर उन्होंने एक-एक करके सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, यमुना नगर, करनाल, बिजनौर के अधिकारियों से उनके द्वारा कांवड़ मेले के सम्बन्ध में की जा रही तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ मेले की दृष्टि से हमने सभी तरह की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं तथा अधिकारियों ने कहा कि हमारा हर स्तर पर पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
श्री सुशील कुमार ने बैठक में अधिकारियों से नीलकण्ठ महादेव की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 62 लाख श्रद्धालुओं ने नीलकण्ठ महादेव के दर्शन किये थे तथा यहां मुख्य चुनौती क्राउड मैनेजमेंट की है। अधिकारियों ने बैठक में मेले की दृष्टि से की जा रही पार्किंग व्यवस्था, पैदल आने-जाने वालों के लिये व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में हिलबाई पास रोड को खोले जाने का प्रकरण भी सामने आया। इस पर राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिये एनओसी जल्दी ही जारी कर दी जायेगी।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल ने बैठक में कहा कि इधर चार-पांच वर्षों में कांवड़ मेले का स्वरूप काफी बदल गया है। डाक कावंड यात्रा पर अब ज्यादा जोर है। उन्होंने कहा कि कांवड़िये तेज आवाज में डीजे न चलायें, कांवड़ 12 फीट से ऊंची न हो आदि सूचनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो। जो भी आवश्यक सूचनायें हैं, उन्हें बनाये गये ह्वाट्स अप गु्रप में शेयर करें। जहां पर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है, वहां पर भी सीसी टीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करंें ताकि इनकी भी मॉनिटरिंग हो सके। सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये, स्लोगन, हेट स्पीच, ह्यूमर आदि को जहां तक हो सके पूरा हतोत्साहित करें तथा सभी को सतर्क होकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के योगदान से कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न होगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुये आईजी गढ़वाल मण्डल श्री के0एस0 नगन्याल ने कहा कि जो भी कांवड़िये जहां से भी आयें वे अपने साथ अपना परिचय पत्र लेकर जरूर आयें, जो सुरक्षा-व्यवस्था आदि के लिये भी आवश्यक है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, जिलाधिकारी पौड़ी श्री आशीष चौहान मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) श्री बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) श्री पी0एल0 शाह, एडीएम टिहरी श्री कृष्ण कुमार मिश्रा, अन्तर्राज्यीय जनपदों के अधिकारीगण, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की श्री अभिनव शाह, सिटी मजिस्ट्रेट सुश्री नूपुर वर्मा, पुलिस अधीक्षक पौड़ी सुश्री श्वेता चौबे,एस0पी0 सिटी श्री स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी ट्रैफिक सुश्री रेखा यादव, एमएनए रूड़की/एसडीएम लक्सर श्री विजयनाथ शुक्ल, डीएफओ श्री नीरज शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 मनीष दत्त, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण, श्री सुरेश तोमर, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान श्री मदन सेन, ईई विद्युत श्री एस.एस.उसमान, रेडक्रास सचिव डॉ0 नरेश चौधरी, एआरटीओ सुश्री रश्मि पन्त, आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत, पर्यटन अधिकारी श्री सुरेश सिंह यादव, पंचायती राज से श्री महेश कुमार विश्नोई, सिंचाई सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।