हरिद्वार, 30 मई। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज की पुण्यतिथी सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी। शिवमूर्ति गली स्थित स्वामी शौकीदास उदासीन आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत गंगादास महाराज के संयोजन में आयोजित पुण्यतिथी समारोह में संत समाज ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। समारोह को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज दिव्य संत थे। सनानत धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में दोनों महापुरूषों का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री पंचायती अखाड़ बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। ब्रह्मलीन स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज ने अपने तप और विद्वता के माध्यम से सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अभूतपूर्व योगदान दिया। समस्त संत समाज ऐसे महापुरूषों को नमन करता है। श्रीमहंत गंगादास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज जैसे परम तपस्वी संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि संत समाज के सहयोग से पूज्य गुरूओं द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए मानव सेवा में योगदान करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। महंत जयेंद्र मुनि, महंत गोविंद राय एवं स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज महान संत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर महंत गोविंददास, महंत गंगादास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत केशव मुनि, महंत द्वारिका दास, महंत लक्ष्मण दास, महंत विष्णुदास, स्वामी पाराशर मुनि, स्वामी ज्ञानानन्द, स्वामी कृष्णदेव, स्वामी ससंत थे-स्वामी कपिल मुनि
पूज्य गुरूओं द्वारा स्थापित सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए मानव सेवा में योगदान करना ही जीवन का लक्ष्य-श्रीमहंत गंगादास
हरिद्वार, 30 मई। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज की पुण्यतिथी सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी। शिवमूर्ति गली स्थित स्वामी शौकीदास उदासीन आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत गंगादास महाराज के संयोजन में आयोजित पुण्यतिथी समारोह में संत समाज ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। समारोह को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज दिव्य संत थे। सनानत धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में दोनों महापुरूषों का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री पंचायती अखाड़ बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। ब्रह्मलीन स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज ने अपने तप और विद्वता के माध्यम से सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अभूतपूर्व योगदान दिया। समस्त संत समाज ऐसे महापुरूषों को नमन करता है। श्रीमहंत गंगादास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज जैसे परम तपस्वी संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि संत समाज के सहयोग से पूज्य गुरूओं द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए मानव सेवा में योगदान करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। महंत जयेंद्र मुनि, महंत गोविंद राय एवं स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी अमरेश्वरानन्द महाराज एवं ब्रह्मलीन श्रीमहंत हंसदास महाराज महान संत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर महंत गोविंददास, महंत गंगादास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत केशव मुनि, महंत द्वारिका दास, महंत लक्ष्मण दास, महंत विष्णुदास, स्वामी पाराशर मुनि, स्वामी ज्ञानानन्द, स्वामी कृष्णदेव, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, महंत प्रेमदास, महंत जमनादास, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, स्वामी संतोषानंद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
ुतिक्ष्ण मुनि, महंत प्रेमदास, महंत जमनादास, महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद, स्वामी संतोषानंद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।