हरिद्वार समाचार– मेला अधिकारी दीपक रावत ने अधिकारियों के साथ बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े पहुंचकर कुंभ की व्यवस्थाओं तथा तैयारियों के दृष्टिगत स्थलीय निरीक्षण कर अखाड़ों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए। इस दौरान अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा के बाबा हठयोगी ने मेलाधिकारी को बताया कि 2010 में महाकुम्भ के दौरान यह पूरा क्षेत्र घाट बना था। इसमें छह बाग हैं, जिसमें टेण्ट लगते हैं। इस पर मेलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिक्रमण को हटाते हुये इसका 2010 कुम्भ के अनुसार समतलीकरण किया जाये। तेरह भाई त्यागी अखाड़े के समीप अतिक्रमण, बिजली के अवैध कनेक्शन देख मेलाधिकारी ने तुरंत अतिक्रमण हटवाने और अवैध बिजली कनेक्शन पर मुकद्मा दर्ज कराने के आदेश विद्युत विभाग के अधिकारियों दिए। बाबा हठयोगी ने कहा कि मेला प्रशासन क्षेत्र बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था करे बाकी अन्य अखाड़े स्वयं कर लेंगे। उन्होंने हाईमास्ट लगवाने की भी मांग की। जिस पर मेला अधिकारी ने तुरंत व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया। निरीक्षण के दौरान क्षेत्र में एक निजी निर्माणदायी संस्था की निर्माण सामग्री देख 25 जनवरी तक जगह खाली करने और 30 जनवरी तक समतलीकरण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। मेलाधिकारी ने कहा कि कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व ही पूरे बैेरागी कैंप क्षेत्र में पेयजल, बिजली, शौचालय आदि की सभी सुविधायें मुहैया करा दी जाएंगी। कुंभ मेले के दौरान संत महापुरूषों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। महंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि प्राचीन समय से ही बैरागी कैंप वैष्णव अखाड़ों के लिए आरक्षित रहा है। प्रत्येक कुंभ में वैष्णव अखाड़ों की छावनियां बैेरागी कैंप में ही लगती रही हैं। देश भर से आने वाले बैरागी संत, खालसे व श्रद्धालु हमेशा बैरागी कैंप में ही ठहरते हैं। कुंभ मेला शुरू होने में समय बेहद कम रह गया है। इसलिए प्रशासन को जल्द से जल्द सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। जिससे संतों व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। महंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक व धार्मिक पहचान से जुड़ा हुआ पर्व है तथा अखाड़े कुंभ का प्रमुख आकर्षण होते हैं। तीन वैष्णव अनीयों से जुड़े 18 अखाड़ों के लाखों संत व उनके अनुयायियों के लिए समय रहते सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए। जिससे संतों व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। महंत प्रह्लाददास महाराज ने कहा कि उम्मीद है कि मेला अधिकारी के निरीक्षण के बाद बैरागी कैंप में कुंभ मेला कार्यो को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि तीनों वैष्णव अनीयों के लगभग आठ सौ खालसे कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आते हैं। लाखों संतों की व्यवस्था के लिए मेला प्रशासन को अभी से युद्ध स्तर पर जुट जाना चाहिए। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनि आखाड़ा के श्रीमहन्त विष्णुदास, महंत प्रह्लाददास, महन्त बिहारी शरण, महंन्त राजेश्वर शरण, महन्त प्रेमदास, महन्त हितेशदास, महन्त शत्रुघ्नदास, महंत अरूणदास, महंत लोकेशदास, महंत मनमोहनदास, महंत धनेश्वरदास, ब्रह्मऋषि हेमंत कश्यप, महंत गोपालदास, महंत राधानाथ दास, महन्त मुरारी शरण, महंत भजुराम दास, महंत संतदास के अलावा अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, ललित नारायण मिश्र, एमएनए जय भारत सिंह, उप मेलाधिकारी अशुल सिंह, दयानन्द सरस्वती, वनाधिकारी किशन सिंह नेगी, नीरज कुमार, एसडीएम-कुम्भ प्रेमलाल एवं मायादत्त जोशी, विशेष कार्याधिकारी कुम्भ मेला महेश शर्मा, लोक निर्माण, जल निगम, विद्युत, जल संस्थान आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।