देहरादून 

यूपीसीएल द्वारा ए0डी0बी0 परियोजना के अन्तर्गत देहरादूनशहर के मुख्य मार्गों की उपरिगामी विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने के कार्य को शीघ्रता से किया जा रहा है जिनमें मुख्यतः राजपुर रोड़, रामाडा होटल से बल्लुपुर चौक एवं ट्रांसपोर्ट नगर चौक, लक्खीबाग से ग्राफिक एरा चौक, कमला पैलेस से निरंजनपुर चौक एवं शिमला  बाईपास से सैंट जूड चौक आदि के साथ-साथ अन्य मार्ग जिनमें विधानसभा, कैलाश अस्पताल, कोरेनेशन अस्पताल, बसन्त विहार, रिस्पना आदि क्षेत्र भी सम्मिलित हैं। आज दिनांक 13 जनवरी, 2025 को प्रबन्ध निदेशक , यूपीसीएल की अध्यक्षता में ऊर्जा भवन स्थित सभागार कक्ष में ए0डी0बी0 योजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में प्रबन्ध निदेशक के साथ श्री अजय कुमार अग्रवाल, निदेशक (परियोजना), श्री कमल।    शर्मा, निदेशक (वित्त), श्रीमती शिखा अग्रवाल, अधीक्षण अभियन्ता, (ए0डी0बी0), श्री राहुल जैन, अधीक्षण अभियन्ता (शहरी ) देहरादून, तीनों लॉटों के परियोजना प्रबन्धकों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
प्रबन्ध निदेशक  द्वारा ए0डी0बी0 प्रोजेक्ट से जुड़े सभी उच्चाधिकारियों के साथ प्रगति की समीक्षा बैठक कर निम्नानुसार आवश्यक दिशा निर्देश भी निर्गत कियेः-
1. सर्वप्रथम प्रबन्ध निदेशक द्वारा सभी अधिकारियों को निर्देषित किया गया है कि भूमिगतिकरण के कार्याें को ससमय पूर्ण करें तथा सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता पर रखते हुये हर दिन कार्य पूर्ण होने के पष्चात् गडढ़ों, नाली आदि स्थानों की नियमित भराई करना भी सुनिष्चित करेंगे।
2. प्रबन्ध निदशक द्वारा निर्देषित किया गया कि जिन स्थानों पर भूमिगतिकरण का कार्य किया जा रहा है उन जगहों पर सुरक्षा के दृश्टिगत नियमित बैरिकेड् किया जाए जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
3. सभी परियोजना प्रबन्धन अधिकारी उनसे सम्बन्धित कार्य क्षेत्रों में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों का औचिक निरीक्षण करना तथा प्रतिदिन किये गये कार्यों की संक्षिप्त प्रगति रिपोर्ट तैयार करना सुनिष्चित करेंगे।
4. सभी परियोजना प्रबन्धन अधिकारी रोड कटिंग हेतु सम्बन्धित प्रषासनिक इकाईयों तथा विभागों से समन्वय स्थापित करआवश्यक प्राप्त कर लाइनों के भूमिगतिकरण का कार्य चरणवद्ध तरीके से किया जाना सुनिष्चित करेंगे।
5. प्रबन्ध निदेशक द्वारा सभी कार्यदायी संस्थाओं को भूमिगतिकरण के कार्याें को मानकों के आधार पर तथा गुणवत्तापूर्ण रूप से करने पर विषेश ध्यान देने हेतु सख्त निर्देष दिये गये।
6. प्रबन्ध निदेशक द्वारा सभी परियोजना प्रबन्धकों को प्रतिदिन किये गये भूमिगतिकरण के कार्यों के महत्वपूर्ण मुख्य बिन्दुओं की सूची तथा कार्यों की वीडियो ग्राफी निदेशक (परियोजना) को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।
7. प्रबन्ध निदेशक द्वारा सभी परियोजना प्रबन्धकों को कार्यों को सुरक्षा के साथ एवं उच्च मानकों तथा गुणवत्ता का ध्यान रखने के साथ-साथ ससमय पूर्ण करने हेतु एक्षन प्लान तैयार करने हेतु निर्देषित किया गया।

इसके अतिरिक्त प्रबन्ध निदेशक द्वारा आज राजपुर रोड़ में ए0डी0बी0 के अन्तर्गत भूमिगतिकरण के कार्याें का भी औचक निरीक्षण किया गया तथा ए0डी0बी0 कार्यों की प्रगति की पुनः समीक्षा बैठक आगामी सप्ताह में आयोजित किया जाना निर्धारित किया गया है।
देहरादून शहर के मुख्य मार्गों की उपरिगामी विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने से निम्नवत् लाभ होंगेः-
➢ कम रखरखाव: भूमिगत केबल्स पर्यावरणीय कारकों जैसे हवाए तेज़ बारिश और पेड़ों की शाखाओं से कम प्रभावित होते हैं। जिससे आउटेज कम होते हैं और रखरखाव की लागत कम होती है।
➢ कम विद्युत हानि: भूमिगत केबल्स को बेहतर इन्सुलेशन और कम प्रतिरोध के साथ डिज़ाइन किया जा सकता है जिससे ओवरहेड लाइनों की तुलना में ऊर्जा हानियों को कम किया जा सकता है।
➢ सुरक्षा: भूमिगत केबल्स के साथ बिजली के खतरों जैसे इलेक्ट्रोक्यूशन और गिरी हुई पावर लाइनों से होने वाली आग का जोखिम काफी कम हो जाता है।
➢ सौंदर्यीकरण: पावर लाइनों के भूमिगतिकरण होने से आवासीय और शहरी क्षेत्रों में अधिक सौंदर्यपूर्ण वातावरण बनता है।
➢ भूमिगत केबल्स होने से बिजली चोरी की समस्याओं पर अंकुश लगेगा।
➢ दुर्घटनाओं का कम जोखिम: वाहनों, वन्यजीवों या निर्माण गतिविधियों द्वारा बिजली लाइनों के आकस्मिक संपर्क का जोखिम कम हो जाता है।
➢ पर्यावरणीय लाभ: बिजली लाइनों के भूमिगतिकरण होने से पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाया जाता है क्योंकि उन्हें ओवरहेड लाइनों के लिए आवश्यक पेड़ों की नियमित छंटाई और अन्य वनस्पति प्रबंधन की आवश्यकता नहीं होती है।

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