देहरादून समाचार– माननीय उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार श्रीमती नेहा कुशवाहा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून में नियुक्त पराविधिक कार्यकर्तागण के साथ ‘‘विश्व जनसंख्या दिवस‘‘ के उपलक्ष्य पर Online Webinar का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा उपस्थित सभी व्यक्तियों को अवगत कराया कि दिनंाक 11 जुलाई को प्रत्येक वर्ष विश्व में ‘‘विश्व जनसंख्या दिवस‘‘के रूप में एक महान कार्यक्रम मनाया जाता है। पूरे विश्व में जनसंख्या मुद्दे की ओर लोगों की जागरूकता को बढ़ाने के लिये इसे मनाया जाता है।
यह भी अवगत कराया कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद् के द्वारा वर्ष 1989 में इसकी पहली बार शुरूआत हुयी। लोगों के हितों के कारण इसको आगे बढ़ाया गया था। जब वैश्विक जनसंख्या 11 जुलाई, 1987 मंे लगभग 5 अरब (बिलियन) के आसपास हो गयी थी। इस जनसंख्या की ओर ध्यान देते हुए 11 जुलाई, 1989 को ‘‘विश्व जनसंख्या दिवस‘‘ की घोषणा की गयी। बढ़ती जनसंख्या के समाधान एवं इस ओर जागरूकता फैलाने के लिये राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह भी अवगत कराया कि इस दिवस का उद्देश्य यह है कि विश्व का हर नागरिक इस ओर ध्यान दे एवं जनसंख्या नियत्रण में अपना योगदान दे। यह भी अवगत कराया कि यू तो मानव हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है एवं यह प्रक्रिया लगातार जारी है। नए-नए तकनीकी आविष्कार ने मानव जीवन को बिल्कुल बदल कर रख दिया है, लेकिन इस अंधाधुंध विकास के बीच कई समस्यायें भी चुनौती के रूप में सामने खड़ी हुयी है। इनमंे से एक समस्या है तेजी से बढ़ती जनसंख्या। इसको नियंत्रित करने के लिये लम्बे समय से प्रयास जारी है, लेकिन बावजूद इसके जनसंख्या में वृद्वि लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट गहरी चिंता का विषय है। अंत मंे सचिव द्वारा यह कथन किया गया कि ईश्वर की कृपा से हमें पृथ्वी पर कई संसाधनों का आर्शीवाद मिला है लेकिन क्या हम वास्तव मंे उन संसाधनों को बनाये रखने में सक्षम हैं? अच्छे भविष्य के लिये हमें इस बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत है। अन्यथा समस्त व्यवस्थायें छिन्न-भिन्न हो जायेंगी। जनसंख्या नियंत्रण आज की आवश्यकता है। समय रहते हुए हम जागृत हो गये तो आने वाले विनाश से देश को और मानवता को बचा सकते हैं।