हरिद्वार, 5 अक्तूबर। श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित नवरात्र महोत्सव के दौरान निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर में मां दक्षिण काली के दर्शन करने आए भक्तों को नवरात्र व्रत की महत्ता बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि आदि शक्ति, दुर्गा, जगदम्बा आदि अनेक नामों से जानी जाने वाली मां भगवती अंधकार व अज्ञानता रूपी राक्षसों का नाश करती हैं। मां भगवती ममतामई, मोक्षदायिनी तथा कल्याणकारी हैं। नवरात्रों में मां भगवती की आराधना व पूजन करने से वे अपने भक्तों को सुख, शांति तथा समृद्धि प्रदान करती है। नवरात्र में नव दुर्गा के नौ स्वरूपों का ध्यान, उपासना व आराधना की जाती है। नवरात्र के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक शक्ति स्वरूप का पूजन किया जाता है। वेद पुराणों की रक्षा और दुष्टों के दलन के लिए अवतरित हुई मां जगदम्बा की नवरात्रों में की गयी आराधना से सभी संकल्प पूर्ण होते हैं। इस अवसर पर स्वामी अंवतिकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, आचार्य पवन दत्त मिश्रा, आचार्य प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।