हरिद्वार, 23 अप्रैल। अक्षय तृतीया के अवसर पर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कई शिष्यों को गुरू दीक्षा प्रदान की। श्री दक्षिण काली मंदिर में अनुरागी महाराज, हरिद्वार के पूर्व डीएफओ रामदुलारे पाठक, उत्तराखंड हाईकोर्ट में डिप्टी एडवोकेट जनरल एनएस पुंडीर, वृन्दावन के कथा व्यास रवि महाराज को दीक्षा प्रदान करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि अक्षय तृतीया दीक्षा लेने और देने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस अवसर पर महापुरूषों को दीक्षा दी जाती और दीक्षा ली जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरू का होना आवश्यक है। गुरू के बिना गति नहीं है, ज्ञान नहीं है, सदमार्ग का दर्शन हो पाना भी संभव नहीं है। गुरू के सानिध्य में ही वास्तवविक ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि सभी शिष्यों को मंत्र दीक्षा के साथ आत्म दीक्षा भी दी गयी। साथ ही सनातन धर्म, राष्ट्र रक्षा, गंगा, भारतीय संस्कृति, और मानवता के प्रति कैसे रूचि और विश्वास बढ़े इस संबंध में उपदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि संत महापुरूष भगवान के अनुयायी और सेवक हैं। संतों के सानिध्य में ही श्रद्धालु भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।