हरिद्वार, 5 अक्टूबर। दशहरे के अवसर पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी में संतों ने वैदिक विधि विधान के साथ शस्त्र पूजन किया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अखाड़े के देवता माने जाने वाले श्री सूर्य प्रकाश और श्री भैरव प्रकाश नामक भालों के साथ अखाड़े अन्य शस्त्रों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत स्नान कराया गया और विधि पूर्वक शस्त्रों की पूजा की गयी। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा धर्म की रक्षा के लिए अखाड़ों की स्थापना की गयी और अखाड़ों से जुड़े नागा सन्यासियों को शास्त्र के साथ शस्त्र का ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए शास्त्रों के ज्ञान के साथ शस्त्र धारण करना भी आवश्यक है। साथ मां भगवती ने भी दैत्यों के संहार के लिए विभिन्न शस्त्रों को धारण किया था। महानिर्वाणी अखाड़े के नागा सन्यासियों ने सनातनी मठ मंदिरों व धर्म की रक्षा के लिए कई युद्ध भी लड़े हैं। इसलिए प्राचीन काल से दशहरे के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है। इस अवसर पर श्रीमहंत कमलपुरी, महंत विनोद गिरी, महंत विश्वनाथ पुरी, महंत रामगिरी, महंत किशनपुरी, महंत राममोहन गिरी, महंत वशिष्ठ पुरी, महंत महेश पुरी, महंत सूर्य नारायण गिरी, स्वामी कृष्णानंद आदि संत मौजूद रहे।