हरिद्वार, 11 अगस्त। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में लोक कल्याण के लिए आयोजित निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की विशेष शिव साधना का श्रावण पूर्णिमा को गंगा पूजन के साथ समापन हुआ। साधना के समापन पर भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव साधना कभी निष्फल नहीं जाती है। श्रद्धालु भक्तों के भावपूर्ण स्मरण व जलाभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और संकटों को दूर कर धन वैभव प्रदान करते हैं। इसलिए सभी को पूर्ण समर्पण भाव से शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति व्यक्ति को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। सभी को संत महापुरूषों के सानिध्य में सनातन परंपरांओं का पालन करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस दौरान हरिद्वार के संत महापुरुषों ने भगवान शिव को जल अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान मौजूद श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक दिव्य एवं तपस्वी महापुरुष हैं। जो सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए पूरे श्रावण मास भगवान शिव की विशेष और कठिन साधना करते हैं। युवा पीढ़ी को उनके आदर्शपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि शिवोपासना सभी के लिए सर्वदा कल्याणकारी होती है और स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज द्वारा प्रति वर्ष गंगा तट पर किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान अवश्य ही जगत में नई ऊर्जा का संचार करता है। संत महापुरुषों का जीवन हमेशा से ही धर्म की पताका को फहराने में राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में रहता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान संत हैं। संत समाज उनकी दीर्घायु की कामना करता है बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। निर्मल जल के समान सादा जीवन जीने वाले संत महापुरुष सनातन धर्म के पुरोधा हैं। जो अनादि काल से भारतीय परंपराओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित कर रहे हैं। सभी को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज पर गौरव है कि वह प्रत्येक वर्ष कठिन साधना के द्वारा विश्व कल्याण की कामना करते हैं। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरुषों का स्वागत किया। इस अवसर पर लाल बाबा,, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।