हरिद्वार समाचार- श्री अमित शाह, मा0 केन्द्रीय गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री एवं उत्तराखण्ड के मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्तिकुंज के मृत्युंजय सभागार में स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में ‘‘मनुष्य में देवत्व का उदय, धरती पर स्वर्ग का अवतरण’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
मा0 केन्द्रीय गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि गायत्री परिवार ने सनातन धर्म का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार अपना स्वर्ण जयन्ती महोत्सव मना रहा है तथा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष के लिए 75 वर्ष का कालखण्ड बड़ा होता है लेकिन किसी संस्था या देश में बदलाव लाने के लिए यह कालखण्ड बहुत छोटा है। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य होते हैं तो देश की संस्कृति को ऊर्जा मिलती है। हम ऐसी गतिविधियों का हमेशा समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि शांतिकुन्ज के अच्छे कार्यों की गतिविधियों को देश बड़ी बारीकी से देख रहा है।
श्री अमित शाह ने कहा कि हम बदलेंगे तो युग बदलेगा। इससे आशावाद की भावना मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि इससे विश्वास होता है कि युग परिवर्तन का रास्ता यही है, यहीं से हम गन्तव्य तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों गायत्री मंत्रों के उच्चारण से यहां दिव्य वातावरण बना है। इससे आनन्द व उत्साह दोनों बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि मैं गायत्री मंत्र के महत्व को अच्छी तरह से महसूस करता हूं।
श्री अमित शाह ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थिंयों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको यहां अध्ययन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भौतिक संसाधन तो डॉक्टर, इंजीनियर आदि भी जुटा लेते हैं, लेकिन वास्तविक शान्ति आध्यात्मिकता से जुड़ने से ही मिल सकती है।
मा0 गृह मंत्री ने आचार्य श्रीराम शर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन का कालखण्ड गायत्री मंत्र को घर-घर तक पहुंचाने में लगा दिया। इसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों का उल्लेख करते हुए कहा कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर, 24 सद्ग्रन्थियों को जाग्रत करते हैं, जो हमें देवत्व की ओर ले जाते हैं। उन्होंने गायत्री मंत्र के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि दिव्य गायत्री मंत्र का शुद्ध उच्चारण करने से यह आपको देवत्व की ओर ले जा सकता है। उन्होंने बताया कि मैं चार साल की आयु से गायत्री मंत्र का जाप कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र पृथ्वी पर देवत्व लाने के लिए राजमार्ग है, इससे करोड़ो लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।
उन्होंने ज्ञान का जिक्र करते हुए कहा कि संगीत, गणित आदि ज्ञान है, लेकिन उस ज्ञान का प्रयोग अगर स्व से समग्र की ओर करते हैं, तो बस वही सही ज्ञान है। उन्हांेने कहा कि मानव जीवन की मूल भावना करूणा है।
मा0 केन्द्रीय गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे देश में कई ऋषि-मुनि हुए हैं। ऋषियों ने अपने ज्ञान को कभी पेटेंट नहीं कराया, बल्कि वह उसमें कुछ न कुछ जोड़ते रहे, जिसका प्रतिफल हमारी संस्कृति है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हम सबको समान क्षमता व समान सद्ग्रन्थियां दी हैं, लेकिन आवश्यकता उन्हें जाग्रत करने की है। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का वेद सम्मत उच्चारण करने से जीवन में परिवर्तन आ जाता है। उन्होंने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा सद् संकल्पों को संकलित करने में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन ईश्वर का सबसे बड़ा आशीर्वाद है तथा हमें अपने मन को दुर्भावनाओं से बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबके हित में ही अपना हित है। इसलिए स्व छोड़ करके समग्र की ओर चलेंगे तो अपना हित भी निश्चित है।
श्री अमित शाह ने कहा कि लोग अधिकारों के लिए तो बहुत आन्दोलन करते हैं, लेकिन कर्तव्यों की ओर ध्यान नहीं देते। जिस दिन हम अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्त्तव्यों पर ध्यान देने लगेंगे, तब निश्चित ही एक नया वातावरण तैयार होगा।
आजादी का अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने काफी बलिदान दिये। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव संकल्प लेने का वर्ष है। उन्होंने कहा कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूर्णं होंगे, उस समय भारत विश्व गुरू होगा। उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे संकल्प लेकर जैसे पानी बचाना, अन्न की बर्बादी रोकना आदि का संकल्प लेकर भारत को विश्वगुरू के पद पर स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार परिस्थितयां देखकर निराशा की भावना जन्म लेती हैं, मगर करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से आज स्थितियां बदल रही हैं। देश में परिवर्तन की शुरूआत हुई है। परिवर्तन को गति तब मिलती है, जब देश का प्रत्येक नागरिक उससे जुड़ता है। आज देश मंे परिवर्तन दिखाई दे रहा है। उसी का परिणाम विश्व योग दिवस, प्रधानमंत्री जी की पशुपतिनाथ यात्रा आदि है। श्री अमित शाह ने कहा कि देश में हम नई शिक्षा नीति लेकर आये हैं। इससे भविष्य में बहुत बड़ा बदलाव दिखाई देगा।
इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गायत्री परिवार महामानव बनाने की टकसाल है, जो व्यक्ति अपनी संस्कृति को भूल जाता है, वह खुद को भी भूल जाता है। उन्होंने कहा कि हम सब लोग मिलकर आने वाले समय में उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल आधार सबका साथ, सबका विकास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड 25 वर्ष का हो जाएगा। आने वाले समय में हमें इसके लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा0 प्रणव पंडया ने कहा कि यह सौभाग्य का क्षण है कि हम शांतिकुंज की 50वीं सालगिरह मना रहे हैं। उन्हांेने बताया कि वर्ष 1971 में शांतिकुंज की स्थापना हुई थी। श्री पंडया ने कहा कि हमने मनुष्य में देवत्व के उदय की परिकल्पना की है। यहां सब परिवार की तरह कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बाधाओं को दूर करते हुए हमने अपनी यात्रा प्रारम्भ रखी है। हम भारत देश को ऐसा देश बनाना चाहते हैं, कि सारा विश्व भारत को नमन करे।
समारोह में प्रतिकुलपति डॉ0 चिन्मय पाण्डेय ने भी ‘‘मनुष्य में देवत्व का उदय, धरती पर स्वर्ग का अवतरण’’ विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मा0 गृह मंत्री को गंगाजलि एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर श्री अमित शाह, मा0 केन्द्रीय गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री एवं उत्तराखण्ड के मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया।
मा0 केन्द्रीय गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्तिकुंज पहुंचने पर सबसे पहले शौर्य दीवार स्थल पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन् किया।
इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री अनिल बलूनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक, जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र रावत, गायत्री परिवार के सदस्य, विश्वविद्यालय के छात्रों सहित सम्बन्धित पदाधिकारीगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।