हरिद्वार, 19 मार्च। भारतीय सनातन परंपरा एवं शास्त्रीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव के उपलक्ष्य में 20 मार्च को हरिद्वार के पावन हर की पौड़ी गंगा घाट पर भव्य शास्त्र श्रावण एवं गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।
इस दिव्य एवं आध्यात्मिक आयोजन की गरिमा को बढ़ाने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति एवं योगऋषि स्वामी रामदेव जी, माननीय कुलपति एवं आयुर्वेद शिरोमणि आचार्य बालकृष्ण जी,केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी जी तथा पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका साध्वी देवप्रिया जी की पावन उपस्थिति होगी। इस अवसर पर देशभर के विभिन्न प्रांतों के शास्त्र प्रेमी, विद्वान, शोधकर्ता एवं सनातन संस्कृति के अनुयायी एकत्रित होकर भारतीय शास्त्रों एवं ज्ञान परंपरा का श्रावण करेंगे।
इस विशेष आयोजन में देशभर से आए विद्वान एवं आचार्य वेद, उपनिषद, पंचोपदेश, व्याकरण एवं विविध दर्शनों का कंठपाठ कर विश्वकीर्तिमान रचेंगे, जो न केवल भारतीय ज्ञान-विज्ञान की महत्ता को पुनर्स्थापित करेगा, बल्कि शास्त्रों की प्राचीन परंपरा को आधुनिक युग में पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी होगा।
कार्यक्रम में शास्त्रों के दिव्य ज्ञान का श्रावण करने के साथ ही पवित्र गंगा आरती का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे आध्यात्मिक चेतना का जागरण होगा। गंगा भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। हर की पौड़ी पर होने वाली विशेष गंगा आरती में वेद मंत्रों, शंख ध्वनि एवं दीप प्रज्ज्वलन के माध्यम से भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों का दर्शन होगा। यह आयोजन सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं आध्यात्मिक चेतना के जागरण का संदेश देगा।

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