हरिद्वार, 05 मार्च 2025- मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे से प्राप्त निर्देशों के क्रम में बुद्धवार को जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना संजय सक्सेना द्वारा विकासखण्ड भगवानपुर के बुग्गावाला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रकाशमय कलस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) की गतिविधियों का जायजा लिया गया और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिला कास्तकारों से संवाद किया।
उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देना, महिला किसानों को सशक्त करना तथा समूह आधारित आर्थिक गतिविधियों को मजबूती प्रदान करना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को और अधिक मजबूत करना है। जिला परियोजना प्रबंधक ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को कृषि उत्पादन बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण विपणन रणनीतियों को अपनाने और कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग के माध्यम से अधिक लाभ अर्जित करने के सुझाव भी दिए।
निरीक्षण के दौरान प्रकाशमय सीएलएफ के अंतर्गत जुड़ी श्रद्धा स्वयं सहायता समूह की सदस्य मंजु द्वारा बताया गया कि इस वर्ष पांच बीघा भूमि में 450 किलोग्राम आलू के बीज लगाए गए थे, फसल उत्पादन की उन्नत तकनीकि जानकारी होने तथा परिश्रम के परिणामस्वरू कुल 2500 किलोग्राम आलू का उत्पादन हुआ, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हुई। इस सफलता से न केवल मंजु जी की बल्कि अन्य महिला किसानों को भी प्रेरणा मिली है, जिससे वे उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने के प्रति प्रोत्साहित हो रही हैं।
इसके साथ ही प्रकाशमय सीएलएफ के अंतर्गत प्रस्तावित कलेक्शन सेंटर की भूमि का भी निरीक्षण किया गया। परियोजना प्रबन्धक ने सेन्ट के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह कलेक्शन सेंटर स्थानीय किसानों को अपनी उपज के उचित भंडारण और विपणन की सुविधा प्रदान करेगा। निरीक्षण के दौरान, जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना ने विकासखंड स्तरीय स्टाफ को कलेक्शन सेंटर की स्थापना एवं संचालन से जुड़ी आवश्यक तैयारियों के संबंध में उचित दिशा-निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने सभी की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि प्रकाशमय सीएलएफ और अन्य स्वयं सहायता समूहों की सफलता यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों का उद्देश्य सरकार की मंशा के अनुरूप महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना है।

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