हरिद्वार समाचार-जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल भराव वाले जो 97 स्थान चिह्नित किये गये हैं, उनका तुरन्त निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में जो सुरक्षित स्थान बनाये गये हैं, उनका उस क्षेत्र के लोगों को अच्छी तरह पता होना चाहिये ताकि अगर कोई जल भराव की स्थिति आती है, तो वे तुरन्त चिह्नित स्थान पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे इलाकों में राशन अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसकी तैयारी अभी से कर लें।
श्री सी0रविशंकर ने अधिकारियों से कहा कि सम्बन्धित विभाग-सिंचाई, नगर निगम, लोक निर्माण, जल निगम आदि आगामी मानूसन सीजन को देखते हुये आपस में पूरा तालमेल बनाये रखें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के भी निरन्तर सम्पर्क में रहें ताकि कोई आपदा की स्थिति आने पर तुरन्त निर्णय लिये जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों को मानसून अवधि की एसओपी मालूम होनी चाहिये।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिस इलाके में भी गड्ढे हैं, उन्हें तुरन्त भरना सुनिश्चित करें ताकि जल भराव के समय लोगों को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जो जल भराव वाले स्थान हैं, वहां पर या उसके आसपास जल निकासी से सम्बन्धित जो भी उपकरण हैं, उन्हें यथाशीघ्र स्थापित करें तथा ऐसे स्थानों पर पहले से ही रोटेशन के आधार पर पीआरडी आदि कार्मिकों की 24 घण्टे तैनाती सुनिश्चित करें।
श्री सी0रविशंकर ने बैठक में नालों की सफाई के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि कुल 109 नाले हैं, जिनमें से 70 में सफाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। नगर निगम रूड़की के अधिकारियों ने भी बताया कि नालों की सफाई का कार्य प्रगति पर है।
जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में डेंगू की रोकथाम के लिये सघन अभियान चलाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर एडीएम बी0के0 मिश्रा, के0के0 मिश्रा, डीसी एस0एस नेगी, एमएनए श्री जयभारत सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी श्री एस0के0झा, मुख्य कृषि अधिकारी, पेयजल निगम, लोक निर्माण, सिंचाई सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे