देहरादून, 05 फरवरी
सूबे के नौनिहालों को रोजगार से जोड़ने के लिये प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किये जायेंगे। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। इसके अलावा कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों को क्रेडिट फ्रेमवर्क से जोड़ने को भी अधिकारियों को कहा गया है। साथ ही विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में अधिकारियों को दिये गये।
राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित उच्च शिक्षा परिषद की 12वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये हैं। सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में आयोजित परिषद की बैठक में प्रदेश के नौजवानों को शोध व रोजगारपरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत चर्चा की गई। डॉ. रावत ने बताया कि नौजवानों को रोजगार से जोड़ने के लिये विश्वविद्यालय उद्यमिता विकास को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनायेंगे और उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। साथ ही एकेडमी-इंडस्ट्री लिंकेज को भी सुदृढ़ किया जायेगा, जिसके लिये विभागीय अधिकारी उद्योगों के साथ सहयोग हेतु नियमित बैठक करेंगे। इसके अलावा एनईपी-2020 के अनुरूप कौशल विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों को भी क्रेडिट फ्रेमवर्क से जोडा जायेगा। डा. रावत ने बताया कि वन स्टेट वन सब्सक्रिप्शन योजना के तहत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में ई-बुक की सुविधाएं उपलब्ध की जायेगी, जिसका लाभ प्रत्येक छात्र-छात्राओं, शोद्यार्थियों और शिक्षकों को मिलेगा। वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को लेकर प्रत्येक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में सेमिनार आयोजित किये जायेंगे, जिसमें छात्र-छात्राओं की भागीदारी अनिवार्य रूप से रहेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसरों एवं महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिन शैक्षणिक सत्र संचालित करने, उपस्थिति मानक पूरा न करने वाले छात्रों को परीक्षा से वंचित करने, वर्ष 2025 तक ड्रग फ्री कैम्पस के लक्ष्य को पूरा करने व छात्र-छात्राओं को इसका ब्रांड एम्बेसडर बनाने, विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने, उच्च शिक्षण संस्थानों में ओपन जिम खोलने का निर्णय बैठक में लिया गया। इसके अलावा बैठक में विभागीय मंत्री ने उच्च शिक्षण संस्थानों में पैकेज्ड फूड, प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड शुगर को प्रतिबंधित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने पाठ्यक्रम के सुधार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में एप्लाइड पार्ट को जोड़कर इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जायेगा और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप पाठ्यक्रम अलाइन किये जायेंगे।
परिषद की बैठक में पद्मभूषण व पद्मश्री डॉ. अनील प्रकाश जोशी, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव कौशल विकास सी० रवि शंकर, अपर सचिव आयुष विजय जोगदंडे, रूसा सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, उप सचिव उच्च शिक्षा ब्योमकेश दुबे, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अंजू अग्रवाल, प्रो. राजेन्द्र डोभाल, राकेश ओबरॉय, डॉ. ममता सिंह, एस.एन. बन्ना, संयुक्त निदेशक प्रो. ए.एस. उनियाल, डी.एस. नेगी, उप निदेशक ममता ड्यूडी, सहायक निदेशक प्रो. दीपक कुमार पाण्डेय, प्रो. गोविंद पाठक सहित विभिन्न क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद् तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
*बॉक्स-01*
*प्रदेश में बनेंगे तीन नये महाविद्यालय*
उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में डॉ. रावत ने केन्द्र पोषित योजना पीएम-उषा की समीक्षा की। डॉ. रावत ने कहा कि पिथौरागढ़, श्रीनगर और देहरादून के बालावाला में एक-एक महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तीन महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये।
*बाक्स-02*
*विभागीय योजनाओं का हो व्यापक प्रचार-प्रसार*
डॉ. रावत ने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग में कई महत्वपूर्ण काम किये हैं लेकिन जनसामान्य व छात्र-छात्राओं के बीच में इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आम लोगों तक विभागीय योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिये व्यापक स्तर पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाय। जिसके निर्देश उन्होंने बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये।