देहरादून-उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन
द्वारा उत्तरप्रदेश राज्य के पूर्वांचल एंद दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगमों के निजिकरण के संबंध मेंआजविरोध प्रदर्शन किया गया
सभा की अध्यक्षता ई0 जसवन्त सिंह मुख्य अभियंता द्वारा की गई। सभा को संबोधित करते हुए
वक्ताओं ने अवगत कराया कि उत्तरप्रदेश राज्य में निजीकरण की यह कदम, पूर्व में दिनांक 06.10.
2020 को तत्कालिन ऊर्जा मंत्री एव विभिन्न संगठनों के साथ हुए लिखित समझोते के विपरित लिया
जा रहा है, जो कि निंदनीय है।
सभी वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण की कार्यवाही किसी भी सूरत मंे
बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा यदि जबरदस्ती इस तरह की कार्यवाही कार्मिकों पर थोपी जाती है तो
उत्तराखण्ड में ऊर्जा के कर्मचारी संगठन उत्तर प्रदेश के कर्मचारी संगठन के समर्थन में आन्दोलन से
पीछे नहीं हटेंगे।
निजीकरण किसी भी सुरत नहीं
किया जाना चाहिए। वक्ताओं ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी इस प्रकरण में
हस्तक्षेप करें तथा तत्तकाल निजीकरण की कार्यवाही को रोकते हुए कर्मचारी संगठन से वार्ता कर
समस्या का समाधान निकालें।
वक्ताओं ने यह भी अवगत कराया है कि एक और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विद्युत वितरण निगमों
में हजारों करोड रूपयों के सुडद्रीकरण के कार्य गतिमान है एवं दूसरी और इन विद्युत वितरण निगनों
को कौड़ियों के भाव निजी हाथों में सौपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स
एसोसिएशन के समस्त सदस्य उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों व अभियंताओं के साथ है।
आज की इस सभा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष ई0 विवेक राजपूत, महासचिव ई0 राहूल चानना, सौरभ पांडे,
विनोद कवि, प्रशान्त बहुगुणा, शिशीर श्रीवास्तव, मनदीप राणा, अनिल धीमान, सुधीर कुमार, प्रदीप पंत,
शैलेन्द्र सिंह, अरविन्द कुमार, विपिन कुमार, स्वेता पूर्णिया, सुभाष कुमार, धनजय, प्रवीण सिंह, विनोद
कु मार, आशीष, वनशा, वशिानी, नीतू एवं अन्य अभियंता उपस्थित रहे।
( राहूल चानन