गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के दो स्वयंसेवकों ने हरियाणा के गुरु जंबेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में प्रतिभाग किया। उत्तराखंड से गुरुकुल कांगड़ी के स्वयंसेवक विनोद सिंह और पुष्पेश कुमार का चयन इस प्रतिष्ठित शिविर के लिए हुआ था, जिसमें 16 राज्यों के 200 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। शिविर के दौरान, स्वयंसेवकों ने कई ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया, जिनमें कुरुक्षेत्र, ज्योतिसार, ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कृष्णा म्यूजियम प्रमुख थे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण रही। विनोद सिंह ने उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तराखंड का लोकगीत “बेड़ो पाको” पर अपनी प्रस्तुति दी, जबकि पुष्पेश कुमार ने “रेस्पोंसिबल डिजिटल सिटीजन” विषय पर अभिनय कर जागरूकता का संदेश दिया। उत्तराखंड प्रकोष्ठ के दल ने “एक भारत श्रेष्ठ भारत” अभियान के तहत उत्तराखंड के सांस्कृतिक लोकगीत पर प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मयंक पोखरियाल ने जानकारी दी कि यह शिविर 11 से 17 अक्टूबर तक चला, जिसमें 16 राज्यों के 200 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। शिविर का उद्देश्य स्वयंसेवकों को वेद एवं वैदिक संस्कृति से रूबरू कराना था, साथ ही उन्हें कुरुक्षेत्र के पौराणिक स्थलों का सांस्कृतिक अनुभव कराना था। इसके अलावा, स्वयंसेवकों ने सफाई अभियान और खेलकूद कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी की। उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश की संयुक्त टीम “आदित्य”, जिसमें गुरुकुल के स्वयंसेवक शामिल थे, ने “डिजिटल लिटरेसी एंड साइबर सिक्योरिटी” थीम पर प्रस्तुति दी। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टीम “आदित्य” को “बेस्ट टीम अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
गुरुकुल कांगड़ी इंजीनियरिंग कैंपस के संकायाध्यक्ष प्रो. विपुल शर्मा ने स्वयंसेवक विनोद सिंह और पुष्पेश कुमार को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। प्रो. एम. एम. तिवारी ने भी स्वयंसेवकों के साथ अपने राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के अनुभव साझा किए। इस सम्मान कार्यक्रम में डॉ. सुयश भरद्वाज, डॉ. लोकेश जोशी, और प्रशांत कौशिक ने भी स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मयंक पोखरियाल ने उत्तराखंड प्रकोष्ठ की राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ. सुनना रावत और वंदना सुंद्रियाल का धन्यवाद व्यक्त किया। कुलपति प्रो. हेमलता के. और कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने भी एनएसएस इकाई चार को शुभकामनाएं दीं।