हरिद्वार समाचार-श्री दक्षिणकाली पीठाधीष्वर म0म0 स्वामी कैलाषानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा है कि नवरात्र में की गई मां भगवती की साधना सहस्त्रगुणा फलदायी होती है। अपनी शरण में आने वाले श्रद्धालु भक्तों का कल्याण कर मां उन्हें भव सागर से पार लगाती है। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिणकाली मंदिर के प्रांगण में नवरात्र के चैथे दिन श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि जगतजननी मां भगवती के स्मरण मात्र से ही भक्तों के जन्म जन्मान्तर के पापों का विनाष हो जाता है। कीर्ति व वैभव प्रदान करने वाली मां अपने भक्तों की रक्षा कर उनके बैकुण्ठ का मार्ग प्रषस्त करती है। उन्होंने कहा कि मां भगवती संसारिक बन्धनों से मुक्त करने वाली है। शक्ति से इस संसार में हमारा अस्तित्व है। मां की स्तुति से सारे संकट पल में दूर हो जाते है। स्वामी कैलाषानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि करूणामयी मां भगवती सभी को आषीर्वाद प्रदान करती है। मनोवांछित फल देने वाली अष्टसिद्धियों से सम्पन्न परादेवी दुख व दरिद्रता का नाष कर पुत्र व कलत्र की वृद्धि करने वाली है। दक्षिण काली मंदिर में जो व्यक्ति मां की अराधना करता है उसका जीवन स्वयं ही सफल हो जाता है। उन्होंने कहा कि अराधना के समय मंत्रों के जाप से आस पास का वातावरण शांत और भक्तिमय हो जाता है जो सकारात्मक ऊर्जा को एकत्र कर मन को शांत करता है। इसलिए संसारिक मोह माया से दूर रहकर मां की भक्ति में लीन रहना चाहिए क्योंकि भक्ति में ही जीवन का परम आनंद है। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, पं0 प्रमोद पाण्डे, स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी, सागर ओझा, अंकुष शुक्ला, षिव कुमार शर्मा, अनुराग बाजपेयी, अनुज दूबे, मुकुन्दानंद ब्रह्मचारी आदि उपस्थित रहे।