हरीद्वार-उत्तराखंड में यात्रा सीजन के दौरान बाल मजदूरी को सभी रूपों में पूर्ण प्रतिबंधित किया जाना चाहिए साथ ही राज्य के भीतर किसी भी प्रकार की बाल मजदूरी को प्रोत्साहन न दिए जाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ।
बाल मजदूरी के विरुद्ध अभियान (सीएसीएल) की राज्यस्तरीय कार्यशाला में उक्त विचार सीएसीएल की राज्य कन्वीनर नीलिमा भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में यात्रा सीजन के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठान बच्चों को काम पर लगाते हैं जिसके कारण हम अपनी नई पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं सरकार को चाहिए कि श्रम विभाग एवं टास्क फोर्स को सक्रिय करके बाल मजदूरी पर पूर्ण रोक लगाएं। ज्ञात रहे कि कोरोना तथा देश की आर्थिक विषमता के कारण गरीब एवं वंचित तबके आजीविका के संकट से गुजर रहे हैं गरीबी और जहालत के हालातों के कारण बाल मजदूरी बढ़ रही है।
इसी क्रम में हरिद्वार के सामाजिक कार्यकर्ता श्री लखबीर सिंह ने राज्यभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। पूर्व संयोजक रघु तिवारी जी ने कहा कि 2016 के बाल मजदूरी को रोकने के लिए बना कानून लचर है उसे बदलने की आवश्यकता है । इसके लिए संसद में वैकल्पिक बिल प्रस्तुत करने का प्रयास करेगा।
बाल अधिकार कार्यकर्ता डॉ डीएस पुंडीर ने बताया कि बाल मजदूरी को रोकने के लिए कानून और क्रियान्वयन क्तंत्र मौजूद है जिसका उपयोग कर तंत्र को सक्रिय किया जा सकता है। कार्यक्रम में अल्मोड़ा ,चमोली, देहरादून, उत्तरकाशी , पौड़ी , हरिद्वार ,टिहरी आदि जिलों के 40 से भी अधिक लोगो ने भाग लिया जिसने रश्मि पनौली, निमी जोशी , पुष्पा पानो, नागेंद्र ,सुखवीर सिंह, गिरीश नौटियाल , द्वारिका प्रसाद मंगत राय , एडवोकेट राजेंद्र नेगी राजबहादुर सैनी, अक्षय आईजैक एवं अजय रावत ने भाग लिया ।